सँभालता रहा मैं ख्वाबों को , | हिंदी शायरी

"सँभालता रहा मैं ख्वाबों को , वरना बिखर ही जाते, वक़्त की आँधी में कहीं ना कहीं सपने विसर ही जाते, जिस दौर से गुज़र कर ,आज भी जिंदा हूँ मेरे दोस्त तुम होते तो शायद कब के गुज़र ही जाते।। -bittubeimaan . ©Bittu Beimaan"

 सँभालता रहा मैं ख्वाबों को ,
                      वरना बिखर ही जाते,







वक़्त की आँधी में कहीं ना कहीं सपने विसर ही जाते,
जिस दौर से गुज़र कर ,आज भी जिंदा हूँ मेरे दोस्त 
तुम होते तो शायद कब के गुज़र ही जाते।।
                             -bittubeimaan













.

©Bittu Beimaan

सँभालता रहा मैं ख्वाबों को , वरना बिखर ही जाते, वक़्त की आँधी में कहीं ना कहीं सपने विसर ही जाते, जिस दौर से गुज़र कर ,आज भी जिंदा हूँ मेरे दोस्त तुम होते तो शायद कब के गुज़र ही जाते।। -bittubeimaan . ©Bittu Beimaan

गुज़र शायरी #bittubeimaan

People who shared love close

More like this

Trending Topic