करोगे याद उसको क्यों, रहा ना काम जिससे अब। वो पल क
"करोगे याद उसको क्यों, रहा ना काम जिससे अब।
वो पल कुछ और थे होते शुरू दिन रात उससे जब।
वही हो तुम, वही है वो, मगर सब कुछ नया सा है।
वफ़ा के सिलसिले हैं बन गए भूले से किस्से सब।
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करोगे याद उसको क्यों, रहा ना काम जिससे अब।
वो पल कुछ और थे होते शुरू दिन रात उससे जब।
वही हो तुम, वही है वो, मगर सब कुछ नया सा है।
वफ़ा के सिलसिले हैं बन गए भूले से किस्से सब।