White बोझ उठाना शौक कहाँ है मजबूरी का सौदा है रहत | हिंदी Shayari

"White बोझ उठाना शौक कहाँ है मजबूरी का सौदा है रहते-रहते स्टेशन पर लोग कुली हो जाते हैं। मुनव्वर राना ©Anant Nag Chandan"

 White बोझ उठाना शौक कहाँ है मजबूरी का सौदा है 
रहते-रहते स्टेशन पर लोग कुली हो जाते हैं।
मुनव्वर राना

©Anant Nag Chandan

White बोझ उठाना शौक कहाँ है मजबूरी का सौदा है रहते-रहते स्टेशन पर लोग कुली हो जाते हैं। मुनव्वर राना ©Anant Nag Chandan

बोझ उठाना शौक कहाँ है मजबूरी का सौदा है
रहते-रहते स्टेशन पर लोग कुली हो जाते हैं।
मुनव्वर राना

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