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हाथ छुड़ाये जात हो, निर्बल जानि के मोय। हृदय से जब जाओ, तो सबल जानूँगा तोय।।
रूह खोई हुई है बनारस की गलियों में, जिस्म भटक रहा रांची की सड़कों में। अनंत ©Anant Nag Chandan
Anant Nag Chandan
10 Love
White कभी बिछड़ा तो भटकता रहा गम लिए उम्र भर ज़माने में, बाद उसके कैलेंडर की तरफ भी नहीं देखा किसी त्योहार में। अनंत ©Anant Nag Chandan
17 Love
White बोझ उठाना शौक कहाँ है मजबूरी का सौदा है रहते-रहते स्टेशन पर लोग कुली हो जाते हैं। मुनव्वर राना ©Anant Nag Chandan
15 Love
White यूं तो मैं मुस्कुराना नहीं चाहता मगर मैं क्या करूं पेशा ही हसीं बेचना है। अनंत ©Anant Nag Chandan
11 Love
मेरे हाथों में इक कलाई है, वो कलाई जो अब पराई है। विशाल बाग ©Anant Nag Chandan
अपने सामान को बाँधे हुए इस सोच में हूँ जो कहीं के नहीं रहते वो कहाँ जाते है। जव्वाद शेख ©Anant Nag Chandan
14 Love
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