जब मालूम हुआ, पन्ने हम भी स्याही से रंग सकेंगे तो

"जब मालूम हुआ, पन्ने हम भी स्याही से रंग सकेंगे तो बिना उलझन के सोचा आपको सबसे पहले कुछ सुना ताबीर कर देखेंगे तो बस उस तलब रात तजस्सूस कलम भी खूब उठायी मेला सजाने को पर पापा आपने फिके पल भी कम दिए गुनगुने को..... लेकिन पूरी रिवायत इनायत से कुछ पन्ने इंतज़ार में रखें हैं गुनगुनाते स्याही से सवारने को"

 जब मालूम हुआ,
पन्ने हम भी स्याही से रंग सकेंगे

तो बिना उलझन के सोचा 
आपको सबसे पहले कुछ सुना ताबीर कर देखेंगे
                                     
तो बस उस तलब रात
 तजस्सूस कलम भी खूब उठायी मेला सजाने को

पर पापा आपने फिके पल भी कम दिए गुनगुने को.....


लेकिन पूरी रिवायत इनायत से कुछ पन्ने इंतज़ार में रखें  हैं गुनगुनाते स्याही से सवारने को

जब मालूम हुआ, पन्ने हम भी स्याही से रंग सकेंगे तो बिना उलझन के सोचा आपको सबसे पहले कुछ सुना ताबीर कर देखेंगे तो बस उस तलब रात तजस्सूस कलम भी खूब उठायी मेला सजाने को पर पापा आपने फिके पल भी कम दिए गुनगुने को..... लेकिन पूरी रिवायत इनायत से कुछ पन्ने इंतज़ार में रखें हैं गुनगुनाते स्याही से सवारने को

#पापाकाप्यार

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