"मचा है चारों ओर आह- हाहाकार,
आ जाओ अब होकर शेर पर सवार,
दे - दो सबको शक्ति अंदर बाहर,
हे जग माता तुम्हारी दया अपरंपार,
कलयुग के इस कठिन समय में,
हो जाए सब का बेड़ा पारन ।।
मीनाक्षी मुसाफ़िर..."
मचा है चारों ओर आह- हाहाकार,
आ जाओ अब होकर शेर पर सवार,
दे - दो सबको शक्ति अंदर बाहर,
हे जग माता तुम्हारी दया अपरंपार,
कलयुग के इस कठिन समय में,
हो जाए सब का बेड़ा पारन ।।
मीनाक्षी मुसाफ़िर...