कुछ कट्ठी सी कुछ मिट्ठी सी वार्ता की पहचान है बहन ,
हा भाई के हर काम में रोड़ा डालने की पहचान है बहिन ,
पर यु भवरो का फूल से रुसवा हो जाना ,
बिना राखी के भाई की कलाई का सुना हो जाना ,
चलो इस ख्च्चे धागे से पक्का बन्धन निभाते है
आओ बहिन से राखी की डोरी के संग , मिल के प्रेम गुनगुनाते है ।।
😘😘दिपेश सुमन😘😘
#Yaari