dipesh suman

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आंगन की दीवारें इंतजार करती है इस लम्हे का, वह नन्ही सी मुस्कान, अब बड़ी होकर कहीं गुम सी गई है। टूटता तारा दुआ करता है उस पूनम के चांद से , वह सुनी कलाई पूछती है उस भाई से , क्या बहन के इस प्यार की कोई अमानत बता सकता है ,, में पूछता हूं उस भाई से जो बहन को गाली दे सकता है। इस नन्ही सी कलम की परिभाषा से एक भाषा आज निकली है , समझो तुम इस बन्धन के पुरवलिखित अनुवानो को , जिस आंगन में वह आज लोटी है , क्या उसके मन की अभिलाषा निकली है ।।। ❣️❣️दिपेश सुमन ❣️❣️ 🙏🏻🙏🏻

#rakshabandhan  आंगन की दीवारें इंतजार करती है इस लम्हे का, 
वह नन्ही सी मुस्कान,  अब  बड़ी होकर कहीं गुम सी गई है।
टूटता तारा दुआ करता है उस पूनम के चांद से ,
वह सुनी कलाई पूछती है उस भाई से , 
क्या बहन के इस प्यार की कोई अमानत बता सकता है ,,
में पूछता हूं उस भाई से जो बहन को गाली दे सकता है।
इस  नन्ही सी कलम की परिभाषा से एक भाषा आज निकली है ,
समझो तुम इस बन्धन के पुरवलिखित अनुवानो को , 
जिस आंगन में वह आज लोटी है ,
क्या उसके मन की अभिलाषा निकली है ।।।
❣️❣️दिपेश सुमन ❣️❣️
🙏🏻🙏🏻

कुछ कट्ठी सी कुछ मिट्ठी सी वार्ता की पहचान है बहन , हा भाई के हर काम में रोड़ा डालने की पहचान है बहिन , पर यु भवरो का फूल से रुसवा हो जाना , बिना राखी के भाई की कलाई का सुना हो जाना , चलो इस ख्च्चे धागे से पक्का बन्धन निभाते है आओ बहिन से राखी की डोरी के संग , मिल के प्रेम गुनगुनाते है ।। 😘😘दिपेश सुमन😘😘

#Yaari  कुछ कट्ठी सी कुछ मिट्ठी सी वार्ता की पहचान है बहन , 
हा भाई के हर काम में रोड़ा डालने की पहचान है बहिन , 
पर यु भवरो का फूल से रुसवा हो जाना , 
बिना राखी के भाई की कलाई का सुना हो जाना ,
चलो इस ख्च्चे धागे से पक्का बन्धन निभाते है 
आओ बहिन से राखी की डोरी के संग , मिल के प्रेम गुनगुनाते है ।।
😘😘दिपेश सुमन😘😘

#Yaari

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थक गया , मैं, याद करते करते तुझको , कभी तो ... तू भी कर लिया कर।। dipesh suman

#river  थक गया , मैं,

याद करते करते तुझको ,

कभी  तो ... तू भी कर लिया कर।।

dipesh suman

#river

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मुझे पता नहीं था बेटा .....की वह दरिंदा मीठा जहर लाया है, घर बुलाने के बाद कोन चाय नहीं पीता ।। dipesh suman

 मुझे पता नहीं था बेटा .....की वह दरिंदा मीठा जहर लाया है, 
घर बुलाने के बाद कोन चाय नहीं पीता ।।
dipesh suman

मुझे पता नहीं था बेटा .....की वह दरिंदा मीठा जहर लाया है, घर बुलाने के बाद कोन चाय नहीं पीता ।। dipesh suman

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आपका तर्क अगर भाव हीन है । तो निश्चित ही आपकी जुबान में वजन नहीं है। dipesh suman.....

 आपका तर्क अगर भाव हीन है ।
तो निश्चित ही आपकी जुबान में वजन नहीं है।
dipesh suman.....

आपका तर्क अगर भाव हीन है । तो निश्चित ही आपकी जुबान में वजन नहीं है। dipesh suman.....

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हर वक़्त फ़िज़ाओं में, महसूस करोगे तुम, मैं क़लम की ख़ुशबू हूँ, महकूँगा ज़मानों तक....

 हर वक़्त फ़िज़ाओं में, महसूस करोगे तुम, 
मैं क़लम की  ख़ुशबू हूँ, महकूँगा ज़मानों तक....

हर वक़्त फ़िज़ाओं में, महसूस करोगे तुम, मैं क़लम की ख़ुशबू हूँ, महकूँगा ज़मानों तक....

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