"अमीर गरीब का भेद गया , अब सब इंसान ही होहिं
अब तो ना कोई भीड़ होगी , और ना होगी वाहवाही
बहुत बढा था जो मोह पैसो का , वो अब बढेगा नहीं
तुम मानो या ना मानो पर कुछ तो हुआ बहुत है सहीं"
अमीर गरीब का भेद गया , अब सब इंसान ही होहिं
अब तो ना कोई भीड़ होगी , और ना होगी वाहवाही
बहुत बढा था जो मोह पैसो का , वो अब बढेगा नहीं
तुम मानो या ना मानो पर कुछ तो हुआ बहुत है सहीं