तेरे इस शहर की सहर में, कुछ तो बात है। वरना, धूप म | हिंदी शायरी

"तेरे इस शहर की सहर में, कुछ तो बात है। वरना, धूप में चांद का यूं दीदार नहीं होता। दिख जाए भी, अगर छुपते छिपाते लेक़िन इतना भी चमकदार नहीं होता।"

 तेरे इस शहर की सहर में,
कुछ तो बात है।
वरना, धूप में चांद का
यूं दीदार नहीं होता।
दिख जाए भी,
अगर छुपते छिपाते
लेक़िन इतना भी
चमकदार नहीं होता।

तेरे इस शहर की सहर में, कुछ तो बात है। वरना, धूप में चांद का यूं दीदार नहीं होता। दिख जाए भी, अगर छुपते छिपाते लेक़िन इतना भी चमकदार नहीं होता।

#शहर_की_सहर

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