रस्ते में कल उनसे फिर मुलाकात होगई, ना चाहते हुए भ
"रस्ते में कल उनसे फिर मुलाकात होगई,
ना चाहते हुए भी आँखों ही आँखों में बात हो ,
उसका ख़याल मेरे मन पे ऐसा शा गया केगयीy….
पता नहीं कमबख्त कब दिन हुआ और कब रात हो गयी |"
रस्ते में कल उनसे फिर मुलाकात होगई,
ना चाहते हुए भी आँखों ही आँखों में बात हो ,
उसका ख़याल मेरे मन पे ऐसा शा गया केगयीy….
पता नहीं कमबख्त कब दिन हुआ और कब रात हो गयी |