व्यभिचारियों की नित बढ़ रही विषबेल
एक-एक शाख अब छाँट देना चाहिये
बेटियों की बोटियों को नोच रहे असुरों की
बोटियों से धरातल पाट देना चाहिये
जीभ काट लेने वाले अधम निशाचरों की
गर्दनों को इसी क्षण काट देना चाहिये
देकर प्रचंड दंड कर डालो अंग-भंग
लाश भूखे भेड़ियों में बाँट देना चाहिये
©प्रखर पाण्डेय
#Stoprape