tumko dekha toh yeh khayal aaya किसी से इश्क होना, | हिंदी कविता

"tumko dekha toh yeh khayal aaya किसी से इश्क होना, बुरा तो नही, दिल में अरमाँ रखना, बुरा तो नही, फिर क्यो बाँधू उभरते अरमानों को, मेहबूब को अपनाना, बुरा तो नही। written by:- संजय सक्सेना, प्रयागराज। ©Sanjai Saxena"

 tumko dekha toh yeh khayal aaya किसी से इश्क होना, बुरा तो नही,
दिल में अरमाँ रखना, बुरा तो नही,
फिर क्यो बाँधू उभरते अरमानों को,
मेहबूब को अपनाना, बुरा तो नही।

written by:-
संजय सक्सेना,
प्रयागराज।

©Sanjai Saxena

tumko dekha toh yeh khayal aaya किसी से इश्क होना, बुरा तो नही, दिल में अरमाँ रखना, बुरा तो नही, फिर क्यो बाँधू उभरते अरमानों को, मेहबूब को अपनाना, बुरा तो नही। written by:- संजय सक्सेना, प्रयागराज। ©Sanjai Saxena

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