Sanjai Saxena

Sanjai Saxena Lives in Allahabad, Uttar Pradesh, India

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हमने जो तेरी आँखों मे मोहब्बत देखी, उंसको तेरे लबो पर बरकरार देखा, मरमरी लबो की थिरकन ने जो कहा, उंसको मेरी आँखों ने खूब सुना। written by:- संजय सक्सेना प्रयागराज। ©Sanjai Saxena

#NationalSimplicityDay #कविता  हमने जो तेरी आँखों मे मोहब्बत देखी,
उंसको तेरे लबो पर बरकरार देखा,
मरमरी लबो की थिरकन ने जो कहा,
उंसको मेरी आँखों ने खूब सुना।

written by:-
संजय सक्सेना
प्रयागराज।

©Sanjai Saxena

दुनिया कहे तो कहे कोई बात नही, उसने कह दिया तो हंगामा हो गया। बात जज्बातों की हो तो मौन ही अच्छा, जाने क्यो दिन में अंधेरा हो गया। संजय सक्सेना, प्रयागराज। ©Sanjai Saxena

#कविता #WritingForYou  दुनिया कहे तो कहे कोई बात नही,
उसने कह दिया तो हंगामा हो गया।
बात जज्बातों की हो तो मौन ही अच्छा,
जाने क्यो दिन में अंधेरा हो गया।

संजय सक्सेना,
प्रयागराज।

©Sanjai Saxena

न उनसे जफ़ा की उम्मीद, न उनसे वफ़ा की उम्मीद, हमें तो उनकी नज़र भरी, प्यारी मुस्कान की उम्मीद। संजय सक्सेना, प्रयागराज। ©Sanjai Saxena

#कविता  न उनसे जफ़ा की उम्मीद,
न उनसे वफ़ा की उम्मीद,
हमें तो उनकी नज़र भरी,
प्यारी मुस्कान की उम्मीद।

संजय सक्सेना,
प्रयागराज।

©Sanjai Saxena

प्रेम कविता

13 Love

तिश्नगी का रस परछाइयों से नही मिलता, जाम-ए-उल्फ़त का रस, चाहत से नही मिलता। संजय सक्सेना। ©Sanjai Saxena

#कविता #TereHaathMein  तिश्नगी का रस परछाइयों से नही मिलता,
जाम-ए-उल्फ़त का रस, चाहत से नही मिलता।

संजय सक्सेना।

©Sanjai Saxena

बैचैन रहते है उल्फत के लिये, जो रहते है हरदम उल्फत में। संजय सक्सेना प्रयागराज ©Sanjai Saxena

#कविता #Tuaurmain  बैचैन रहते है उल्फत के लिये,
जो रहते है हरदम उल्फत में।

संजय सक्सेना
प्रयागराज

©Sanjai Saxena

#Tuaurmain

12 Love

रिश्तों में जब शर्ते आ जाती है, रिश्ते तब व्यापार बन जाते है। रिश्तों में जब जिम्मेदारी घट जाती है, रिश्तों में तब तल्खी आ जाती है। संजय सक्सेना, प्रयागराज। ©Sanjai Saxena

#कविता #humantouch  रिश्तों में जब शर्ते आ जाती है,
रिश्ते तब व्यापार बन जाते है।
रिश्तों में जब जिम्मेदारी घट जाती है,
रिश्तों में तब तल्खी आ जाती है।

संजय सक्सेना,
प्रयागराज।

©Sanjai Saxena

#humantouch

9 Love

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