जिन्दगी में समय और परिस्थिति के
अनुसार हमे अंजाने लोग मिलते हैं
और धीरे धीरे वो हमारे दुःख और
ख़ुशी में साथ रहते हैं बहुत ज्यादा
नजदीक बन जाते हैं जिन्हें हम दोस्त कहते हैं
पंचतत्व मैं हूँ तो इसके प्राण हैै दोस्त मेरे
परिणाम है जिन्दगी तो करम है दोस्त मेरे
ये घाव है जिन्दगी तो मरहम है दोस्त मेरे
जिन्दगी आभास तो विश्वास है दोस्त मेरे
जब हार है जिन्दगी तो आस है दोस्त मेरे
मैं अगर हूँ सितारा तो वो चाँद है दोस्त मेरे
@dineshparmar
#Importance_of_friends