इसी दिन इसी तारिख इसी जगह पर मिले थे
भूल गए या याद है चलो याद दिलादू तुम्हे
कितने सपने देखें थे हमने संग जीने के
भूल गए या याद है चलो गिनादु तुम्हे
बुलाने पर ही छोड़ देता था दोस्तों की महफ़िल
तुम तो कभी मिले नहीं चलो मिला दू तुम्हे
तुम अपना फैसला सुना कर छोड़ गए थे
आज मैं अपना फैसला सुना कर रुलादू तुम्हे
बहुत लगाए चकर तेरे घर गली की ओर
शायद भूले से ही सही दिख जाओ हमे
ठहराव पसंद नहीं इसलिए आगे बढ़ गए
रूबरू अपने दिलबर से चलो करादू तुम्हे
©Mohan Bamniya
याद दिला दू तुम्हे
#together