आसमां में चमकेंगे एक दिन चांद बनकर
मुझे फलक से टूटा हुआ सितारा न समझो।
सैलाब आने पर डूब जाते हैं जो, अक्सर
मुझे दरिया का, वो किनारा न समझो।
आपकी महफ़िल में हम आ ही जाते हैं यों
सूरत है सादा मेरी, मगर बिचारा न समझो।
संभाल कर रखा है, तेरी यादों को दिल में
इसे मेरी मोहब्बत का, इशारा न समझो।
अज्ञात
©Anjali
#चांद
#EarthDay