#covid19 #coronavirus #lockdown #stayhome अज़ीब

"#covid19 #coronavirus #lockdown #stayhome अज़ीब सन्नाटा सा शहर में है, सब लोग अपने अपने घर में हैं। सूना चौपाल,खाली खलिहान, मजदूर बेरोजगार दोपहर में है। कुछ ऐसा दहशत का आलम है, कोरोना की तबाही ख़बर में है। किसी को किसी पर भरोसा नहीं, सिर्फ़ शक़ ही शक़ नज़र में है। खिड़की,दरवाज़े,बिस्तर हफ्तों से वही हैं, बेकारी का उलझन और दर्द क़मर में है। आज़ाद होते हुए भी ग़ुलाम बन गए हैं हम, पूरी दुनिया कोरोना के कहर में है। हक़ीमो के सारे नुस्ख़े बेअसर हैं अब तक, जिन्हें पकड़ ले समझो पाँव क़ब्र में है। अब ख़ुदा ही बचाए डूबने से हमें, तूफ़ान में कश्ती बीच लहर में है। ✍️विनय कुमार सिंह #experimentbinay"

 #covid19  #coronavirus 
#lockdown #stayhome

अज़ीब सन्नाटा सा शहर में है,
सब लोग अपने अपने घर में हैं।

सूना चौपाल,खाली खलिहान,
मजदूर बेरोजगार दोपहर में है।

कुछ ऐसा दहशत का आलम है,
कोरोना की तबाही ख़बर में है।

किसी को किसी पर भरोसा नहीं, 
सिर्फ़ शक़ ही शक़ नज़र में है।

खिड़की,दरवाज़े,बिस्तर हफ्तों से वही हैं,
बेकारी का उलझन और दर्द क़मर में है।

आज़ाद होते हुए भी ग़ुलाम बन गए हैं हम,
पूरी दुनिया कोरोना के कहर में है।

हक़ीमो के सारे नुस्ख़े बेअसर हैं अब तक,
जिन्हें पकड़ ले समझो पाँव क़ब्र में है।

अब ख़ुदा ही बचाए डूबने से हमें,
तूफ़ान में कश्ती बीच लहर में है।
                ✍️विनय कुमार सिंह
                #experimentbinay

#covid19 #coronavirus #lockdown #stayhome अज़ीब सन्नाटा सा शहर में है, सब लोग अपने अपने घर में हैं। सूना चौपाल,खाली खलिहान, मजदूर बेरोजगार दोपहर में है। कुछ ऐसा दहशत का आलम है, कोरोना की तबाही ख़बर में है। किसी को किसी पर भरोसा नहीं, सिर्फ़ शक़ ही शक़ नज़र में है। खिड़की,दरवाज़े,बिस्तर हफ्तों से वही हैं, बेकारी का उलझन और दर्द क़मर में है। आज़ाद होते हुए भी ग़ुलाम बन गए हैं हम, पूरी दुनिया कोरोना के कहर में है। हक़ीमो के सारे नुस्ख़े बेअसर हैं अब तक, जिन्हें पकड़ ले समझो पाँव क़ब्र में है। अब ख़ुदा ही बचाए डूबने से हमें, तूफ़ान में कश्ती बीच लहर में है। ✍️विनय कुमार सिंह #experimentbinay

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#21dayslockdown
#Experimentbinay

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