BINAY KUMAR SINGH

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#Experimentbinay  GOOD  MORNING
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©BINAY KUMAR SINGH

⚙️ मजदूर दिवस पर विशेष🔧 मैं देश की तकदीर हूँ, आने वाले कल की तस्वीर हूँ, कभी भूखे पेट सोता हूँ, कभी दर्द से रात भर रोता हूँ, मैं अपना हुनर औरों के नाम करता हूँ, दिन रात मेहनत से काम करता हूँ, कभी असम के चाय बागानों में, पंजाब के खेत खलिहानों में, हरियाणा के कारखानों में, दिल्ली के दुकानों में, गुजरात में करघा चलाता हूँ, मरुस्थल में पछताता हूँ, मेघालय का बादल आवारा हूँ, मैं दक्षिण का मछुआरा हूँ, जहाँ तक नज़र ले जाओगे, हर जगह मुझे ही पाओगे, जहाँ भी हूँ मजबूर हूँ मैं, भाई! एक मजदूर हूँ मैं...। ✍️विनय कुमार सिंह 01/05/2020 #Experimentbinay

#internationallabourday #Experimentbinay  ⚙️ मजदूर दिवस पर विशेष🔧

मैं देश की तकदीर हूँ,
आने वाले कल की तस्वीर हूँ,

कभी भूखे पेट सोता हूँ,
कभी दर्द से रात भर रोता हूँ,

मैं अपना हुनर औरों के नाम करता हूँ,
दिन रात मेहनत से काम करता हूँ,

कभी असम के चाय बागानों में,
पंजाब के खेत खलिहानों में,

हरियाणा के कारखानों में,
दिल्ली के दुकानों में,

गुजरात में करघा चलाता हूँ,
मरुस्थल में पछताता हूँ,

मेघालय का बादल आवारा हूँ,
मैं दक्षिण का मछुआरा हूँ,

जहाँ तक नज़र ले जाओगे,
हर जगह मुझे ही पाओगे,

जहाँ भी हूँ मजबूर हूँ मैं,
भाई! एक मजदूर हूँ मैं...।
              ✍️विनय कुमार सिंह
                01/05/2020
                #Experimentbinay

आज इलाक़े में हुए बारिश के बाद एक किसान का दर्द गज़ल के अंदाज में ------------------------------------------- उफ्फ़! ये कैसा इम्तहान है, पानी से लबालब खलिहान है। पहले कोरोना का कहर, अब मौसम से परेशान हैं। कभी आँधी,कभी पानी,कभी पत्थर, कभी बिजली के साथ चल रहा तूफ़ान है। मालूम नहीं रब हमसे क्या चाहता है, तबाही की चक्की में पीस रहा किसान है। किसी की भूख मिटाने की सज़ा अग़र यही है, तो ले इन अनाजों के लिए जान भी कुर्बान है... ✍️विनय कुमार सिंह #Experimentbinay

#Experimentbinay #river  आज इलाक़े में हुए बारिश के बाद
एक किसान का दर्द गज़ल के अंदाज में
-------------------------------------------

उफ्फ़! ये कैसा इम्तहान है,
पानी से लबालब खलिहान है।

पहले कोरोना का कहर,
अब मौसम से परेशान हैं।

कभी आँधी,कभी पानी,कभी पत्थर,
कभी बिजली के साथ चल रहा तूफ़ान है।

मालूम नहीं रब हमसे क्या चाहता है,
तबाही की चक्की में पीस रहा किसान है।

किसी की भूख मिटाने की सज़ा अग़र यही है,
तो ले इन अनाजों के लिए जान भी कुर्बान है...
                      ✍️विनय कुमार सिंह
                       #Experimentbinay
#Experimentbinay
#Experimentbinay #CoronaLockDown #covid19

#covid19 #coronavirus #lockdown #stayhome अज़ीब सन्नाटा सा शहर में है, सब लोग अपने अपने घर में हैं। सूना चौपाल,खाली खलिहान, मजदूर बेरोजगार दोपहर में है। कुछ ऐसा दहशत का आलम है, कोरोना की तबाही ख़बर में है। किसी को किसी पर भरोसा नहीं, सिर्फ़ शक़ ही शक़ नज़र में है। खिड़की,दरवाज़े,बिस्तर हफ्तों से वही हैं, बेकारी का उलझन और दर्द क़मर में है। आज़ाद होते हुए भी ग़ुलाम बन गए हैं हम, पूरी दुनिया कोरोना के कहर में है। हक़ीमो के सारे नुस्ख़े बेअसर हैं अब तक, जिन्हें पकड़ ले समझो पाँव क़ब्र में है। अब ख़ुदा ही बचाए डूबने से हमें, तूफ़ान में कश्ती बीच लहर में है। ✍️विनय कुमार सिंह #experimentbinay

#Experimentbinay #21dayslockdown #coronavirus #stayhome #lockdown  #covid19  #coronavirus 
#lockdown #stayhome

अज़ीब सन्नाटा सा शहर में है,
सब लोग अपने अपने घर में हैं।

सूना चौपाल,खाली खलिहान,
मजदूर बेरोजगार दोपहर में है।

कुछ ऐसा दहशत का आलम है,
कोरोना की तबाही ख़बर में है।

किसी को किसी पर भरोसा नहीं, 
सिर्फ़ शक़ ही शक़ नज़र में है।

खिड़की,दरवाज़े,बिस्तर हफ्तों से वही हैं,
बेकारी का उलझन और दर्द क़मर में है।

आज़ाद होते हुए भी ग़ुलाम बन गए हैं हम,
पूरी दुनिया कोरोना के कहर में है।

हक़ीमो के सारे नुस्ख़े बेअसर हैं अब तक,
जिन्हें पकड़ ले समझो पाँव क़ब्र में है।

अब ख़ुदा ही बचाए डूबने से हमें,
तूफ़ान में कश्ती बीच लहर में है।
                ✍️विनय कुमार सिंह
                #experimentbinay
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