परार्थ _______ निज स्वार्थ त्याग कर , प्रभु का स्मरण कर। मानव जनम मिला है , जग में परार्थ कर । । कवयित्री - चेतना प्रकाश चितेरी , दिनांक -२८/५/२०२४ ©चेतना सिंह 'चितेरी ', प्रयागराज Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto