ना ही तेरा आदी है ना ही तेरा अंत है
तेरे इस स्वरूप की कल्पना अनंत है
क्या मेरा और क्या पराया तो पाया
मैंने कि सब तेरा ही तो अंश है
जीवन से मोहमाया करना ही व्यर्थ है
तुझमें है बस इस जीवन की उमंग है
नहीं चाहिए कोई साथ अब ,मिल जाए
मुझे सारी मंजिले वो तेरा ही तो संग है
©kartavay
#Shiva