मेरे यार भी कितने ज़हीन हैं.
मेरे खामोशियों से......
मेरे दर्द का अंदाज़ा लगा लेते हैं.
मुझे खिड़कियों से आते देख "इब्राहिमी"
अपना दरवाज़ा लगा लेते हैं.
शादाब अल इब्राहिमी
(ज़हीन-sensible)
©AL Ibrahimi
after long time.....my pen is telling about my HAMDARD.