इतनी बेदर्दी से पेस आते है लोग की अब तो मैं भी बे | हिंदी Shayari

"इतनी बेदर्दी से पेस आते है लोग की अब तो मैं भी बेदर्दी पे उतर जाना चाहता हूं चाहता हूं हो जाना मसरूफ इतना की खुद से भी अजनबी बन जाना चाहता हूं ©avinash pnadit"

 इतनी बेदर्दी से पेस आते है लोग 
की अब तो मैं भी बेदर्दी पे उतर जाना चाहता हूं
 चाहता हूं हो जाना मसरूफ  इतना
की खुद से भी अजनबी बन जाना चाहता हूं

©avinash pnadit

इतनी बेदर्दी से पेस आते है लोग की अब तो मैं भी बेदर्दी पे उतर जाना चाहता हूं चाहता हूं हो जाना मसरूफ इतना की खुद से भी अजनबी बन जाना चाहता हूं ©avinash pnadit

#kitaab

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