सलाम अपनी कलम से कलाम लिखती हूं तेरी यादो मे सुब | हिंदी Love
"सलाम अपनी कलम से कलाम लिखती हूं
तेरी यादो मे सुबह मे सुबह-शाम लिखती हूं
चोरी-छिपे तुझको ये पयाम लिखती हूं
तुझ से गुफ़्तगू की ख्वाहिश है इसलिए ये ख़त सरेआम लिखती हूं"
सलाम अपनी कलम से कलाम लिखती हूं
तेरी यादो मे सुबह मे सुबह-शाम लिखती हूं
चोरी-छिपे तुझको ये पयाम लिखती हूं
तुझ से गुफ़्तगू की ख्वाहिश है इसलिए ये ख़त सरेआम लिखती हूं