जिस बाजार मेें बिक जाते हैं लोग दो कौङी मेें, वही | हिंदी Shayari

"जिस बाजार मेें बिक जाते हैं लोग दो कौङी मेें, वहीं ऐलान सरेआम है । हा ! इश्क है उससे और मैं हूँ हिन्दू वो मुसलमान है। मोहब्बत को तुम खुद हीं सर्वोपरि महजब हो बताते । तो फिर ये महजब के दुकान मेें मेरा इश्क क्यों बदनाम है । ©Aryan Singh RajPut"

 जिस बाजार मेें बिक जाते हैं लोग दो कौङी मेें, 
वहीं ऐलान सरेआम है ।
हा ! इश्क है उससे और मैं हूँ हिन्दू  वो मुसलमान है।
मोहब्बत को तुम खुद हीं सर्वोपरि महजब हो बताते ।
तो फिर ये महजब के दुकान मेें मेरा इश्क क्यों बदनाम है  ।

©Aryan Singh RajPut

जिस बाजार मेें बिक जाते हैं लोग दो कौङी मेें, वहीं ऐलान सरेआम है । हा ! इश्क है उससे और मैं हूँ हिन्दू वो मुसलमान है। मोहब्बत को तुम खुद हीं सर्वोपरि महजब हो बताते । तो फिर ये महजब के दुकान मेें मेरा इश्क क्यों बदनाम है । ©Aryan Singh RajPut

plzz support
#NewMember #Motivational #Stand #Trending #Famous #One_sided_love #Riya #Aryan #Nojoto .......
...
.


#

People who shared love close

More like this

Trending Topic