शायद मैं इसलिए भी पीछे हूं। क्योंकि..., मुझे होशि | हिंदी Shayari

"शायद मैं इसलिए भी पीछे हूं। क्योंकि..., मुझे होशियारी नहीं आती। बेशक, लोग ना समझें मेरी वफादारी। मगर, मुझे गद्दारी नहीं आती। ©एक शायर"

 शायद मैं इसलिए भी पीछे हूं। 
क्योंकि..., मुझे होशियारी नहीं आती। 
बेशक, लोग ना समझें मेरी वफादारी। 
मगर, मुझे गद्दारी नहीं आती।

©एक शायर

शायद मैं इसलिए भी पीछे हूं। क्योंकि..., मुझे होशियारी नहीं आती। बेशक, लोग ना समझें मेरी वफादारी। मगर, मुझे गद्दारी नहीं आती। ©एक शायर

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