White शायद ये अंतिम सदी है
कविताओं में भावनाएं बुनने की
चिट्ठियों का युग समाप्त हो गया है
अब प्रतीक्षा एक शब्द ही बन गई है
अपरिचित नगर में
अपरिचित मार्ग पर घूमते
अपराचित अब जाने पहचाने से नहीं लगते
हम भय में सिमटते जा रहे हैं
शायद ये आखिरी समय है
विश्वास का
आखिरी युग है
प्रेम का... ❤️
स्पृहा
©मलंग
#खिलौना_सा_वक्त