जैसे दुनिया से पेड़ पौधों का विलुप्त हो जाना जैसे | हिंदी कविता

"जैसे दुनिया से पेड़ पौधों का विलुप्त हो जाना जैसे ज़िंदगी से रंगों का खो जाना जैसे जिस्म में रूह का मर् जाना जैसे आँखों से ख़्वाबो का बिछड़ जाना जैसे फूलों से खुशबु का निकल जाना जैसे आईने का बिखर जाना जैसे एक लेखक के अंदर कविता का मर् जाना वैसा ही हैं मेरे जीवन से "पापा" आपका चले जाना @mamta.raj.."

 जैसे दुनिया से पेड़ पौधों का विलुप्त हो जाना 
जैसे ज़िंदगी से रंगों का खो जाना 
जैसे जिस्म में  रूह का मर् जाना 
जैसे आँखों से ख़्वाबो का बिछड़ जाना 
जैसे फूलों से खुशबु का निकल जाना 
           जैसे आईने का बिखर जाना                                                          जैसे एक लेखक के अंदर कविता का मर् जाना 
वैसा ही हैं मेरे जीवन से "पापा" आपका चले जाना 

@mamta.raj..

जैसे दुनिया से पेड़ पौधों का विलुप्त हो जाना जैसे ज़िंदगी से रंगों का खो जाना जैसे जिस्म में रूह का मर् जाना जैसे आँखों से ख़्वाबो का बिछड़ जाना जैसे फूलों से खुशबु का निकल जाना जैसे आईने का बिखर जाना जैसे एक लेखक के अंदर कविता का मर् जाना वैसा ही हैं मेरे जीवन से "पापा" आपका चले जाना @mamta.raj..

#HappyFather'sDay.....
#जैसे लेखक के अंदर से कविता का मर् जाना
वैसा ही पापा आपका चले जाना.....

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