मैंने ज़िन्दगी को तेरे सलीको केे बीच जोड़ रखा हैं,ये दुनिया हैं बेशक बड़ी पर मैंने तेरे ख़्वाबों में ये आसमा मोड़ रखा हैं!
तुझे पता है परिंदों को ऊंचाई से डर नहीं लगता,पर तेरे लिए ये आसमा को भी ज़मी से जोड रखा हैं!
तू थी बेशक मेरे ख़्वाबों की दुनिया, पर इन् ख़्वाबों को भी तूने ही तो तोड़ रखा हैं!
और सुनो तुम खुद को बेशक अपनी पंखों की उड़ान से आसमा से जोड़ लो, पर ये परिंदा अाज भी खुद को ये ज़मी ,आसमा और अपने ख़्वाबों की दुनिया और तेरे सलीको केे बीच खुद को मोड़ रखा हैं!!
#Missing ख़्वाबों की दुनिया