ज़मीं से फ़लक तक, सब व्यापार हैं, धंधा ना कह ! ये खु | हिंदी कविता

"ज़मीं से फ़लक तक, सब व्यापार हैं, धंधा ना कह ! ये खुली संसार है, अंधा ना कह !! बस आज कम, मंदा ना कह ! बस एक बात, गन्दा ना कह!! मन पवित्र है, नंगा ना कह ! हमारा अधिकार है, पन्गा ना कह !! मिल गई आजादी, बँधा ना कह !!! 🤡🤡🤡 - kavirA"

 ज़मीं से फ़लक तक, सब व्यापार हैं, धंधा ना कह !
ये खुली  संसार है, अंधा ना कह !!
बस आज कम,  मंदा ना कह !
बस एक बात,  गन्दा ना कह!!
मन पवित्र है, नंगा ना कह !
हमारा अधिकार है, पन्गा ना कह !!
मिल गई आजादी,  बँधा ना कह !!!

🤡🤡🤡

- kavirA

ज़मीं से फ़लक तक, सब व्यापार हैं, धंधा ना कह ! ये खुली संसार है, अंधा ना कह !! बस आज कम, मंदा ना कह ! बस एक बात, गन्दा ना कह!! मन पवित्र है, नंगा ना कह ! हमारा अधिकार है, पन्गा ना कह !! मिल गई आजादी, बँधा ना कह !!! 🤡🤡🤡 - kavirA

#truththought.... 🙏🙏🙏

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