पत्थरों से रहम की दरकार मुझको खा गई और ये दरिया- | हिंदी Shayari

"पत्थरों से रहम की दरकार मुझको खा गई और ये दरिया-दिली भी यार मुझको खा गई ©Rajneesh Kumar"

 पत्थरों से रहम की  दरकार  मुझको खा गई
और ये दरिया-दिली भी यार मुझको खा गई

©Rajneesh Kumar

पत्थरों से रहम की दरकार मुझको खा गई और ये दरिया-दिली भी यार मुझको खा गई ©Rajneesh Kumar

#ghazal

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