मैंने ज़िन्दगी को किसी के होटों पर, मुस्कुराते देख | हिंदी Love

"मैंने ज़िन्दगी को किसी के होटों पर, मुस्कुराते देखा है। अनजानेपन को एक ख़ूबसूरत से, रिश्ते में बदलते देखा है।। सलिखे से जुल्फों को कानों के पीछे, संभालते हुए देखा हैं। अक्सर व्यस्त से रहने वाले चेहरे को, हस्ता हुआ देखा हैं।। यूं अचानक जो तुम मेरे हाथों को भीड़ में पकड़ लेती हो। दो-पलों के लिए ही सही, सांसों को रोक दिलों को थाम लेती हो।। तुम्हारी आंखों का कायल, और सवालों के लिए बेजुबां सा हो जाता हूं। ख़ामोश इसलिए हूं क्योंकि; मैं ख़ुद को तुम में जीना चाहता हूं।। To be continue..."

 मैंने ज़िन्दगी को किसी के होटों पर,
मुस्कुराते देखा है।
अनजानेपन को एक ख़ूबसूरत से,
रिश्ते में बदलते देखा है।।
सलिखे से जुल्फों को कानों के पीछे,
संभालते  हुए देखा हैं।
अक्सर व्यस्त से रहने वाले चेहरे को,
हस्ता हुआ देखा हैं।।
यूं अचानक जो तुम मेरे हाथों को
भीड़ में पकड़ लेती हो।
दो-पलों के लिए ही सही,
सांसों को रोक दिलों को थाम लेती हो।।
तुम्हारी आंखों का कायल, और
सवालों के लिए बेजुबां सा हो जाता हूं।
ख़ामोश इसलिए हूं क्योंकि;
मैं ख़ुद को तुम में जीना चाहता हूं।।
                         To be continue...

मैंने ज़िन्दगी को किसी के होटों पर, मुस्कुराते देखा है। अनजानेपन को एक ख़ूबसूरत से, रिश्ते में बदलते देखा है।। सलिखे से जुल्फों को कानों के पीछे, संभालते हुए देखा हैं। अक्सर व्यस्त से रहने वाले चेहरे को, हस्ता हुआ देखा हैं।। यूं अचानक जो तुम मेरे हाथों को भीड़ में पकड़ लेती हो। दो-पलों के लिए ही सही, सांसों को रोक दिलों को थाम लेती हो।। तुम्हारी आंखों का कायल, और सवालों के लिए बेजुबां सा हो जाता हूं। ख़ामोश इसलिए हूं क्योंकि; मैं ख़ुद को तुम में जीना चाहता हूं।। To be continue...

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