कभी कभी लगता है।
मैं खामोश रहूं और वो समझ जाएं।
मैं गुम हो जाऊं वो बेचैन हो जाएं।
मैं तन्हा रहूं वो साथ दे जाए।
कभी कभी लगता है।
खुशियां बिना मांगे मिल जाए।
बिना सफ़र तय किए मंजिल मिल जाए।
बिना दर्द मिले मोहब्बत मुकम्मल हो जाए।
कभी कभी लगता है।
ये ख्वाब ये खयाल सब सच हो जाए।
मैं खामोश रहूं और वो समझा जाए।
©Ak
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