Natural Morning खामोश सी निगाहे उसकी जैसे खामोशी स | हिंदी शायरी

"Natural Morning खामोश सी निगाहे उसकी जैसे खामोशी से देख रही थी, मेरी खामोश निगाहो को...... ज्वार-भाटा सा था चित्त मेरा, सवालो से जैसे भरा था वो खामोश लम्हा ...."

 Natural Morning खामोश सी निगाहे उसकी
जैसे खामोशी से देख रही थी, 
मेरी खामोश निगाहो को...... 
ज्वार-भाटा सा था चित्त मेरा, 
सवालो से जैसे भरा था वो खामोश लम्हा ....

Natural Morning खामोश सी निगाहे उसकी जैसे खामोशी से देख रही थी, मेरी खामोश निगाहो को...... ज्वार-भाटा सा था चित्त मेरा, सवालो से जैसे भरा था वो खामोश लम्हा ....

निगाहे मेरी

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