तुम्हारी आज़ादी भी उन अर्बन आँवारा कुत्तों जैसी है
©moh (Manjari)
तुम्हारी भी आज़ादी उन अर्बन आवारा कुत्तों जैसी है
तुम आज़ाद हो
अर्बन गायों की तरह
जो दर बदर भटकती हैं
थन में दूध भरती हैं
दो पैरों में मालिक की भूख, बच्चे की पढाई,
स्वास्थ्य के दायित्व की बेड़ी है