तुम्हारी भी आज़ादी उन अर्बन आवारा कुत्तों जैसी है
तुम आज़ाद हो
अर्बन गायों की तरह
जो दर बदर भटकती हैं
थन में दूध भरती हैं
दो पैरों में मालिक की भूख, बच्चे की पढाई,
स्वास्थ्य के दायित्व की बेड़ी है
एक
जब शहर से लड़कियां गांव जाती हैं
तो कितना कुछ बदल चूका होता है
वो पगडंडियां जिसपे वो बमुश्किल से
साईकिल चलाकर स्कूल जाया करतीं थी
अब वो पक्की सड़क में बदल चुकी है
अब नहर सूख गई है उसमें घास उग आये हैं
और उसके किनारे के जमीन को
9 Love
सूख गए है नीर नयन में
अब कितना तड़पाओगे
बोलो ना
तुम कब आओगे ?
Moh Manjari
मैं जानती हूँ
एक कोना मेरा भी है
तेरे दिल में।
पर मैं नहीं रह सकती ,
तेरे दिल के एक कोने में।
मुझे रहना है
तेरे पूरे दिल में ठाठ से
एक सेठानी की तरह।
Moh Manjari
आदमी सबसे कम उसीकी परवाह क्यों करता हैं ? जिससे वो सबसे ज्यादा प्रेम करता है ।
आखिर ए कैसा जीवन है?
जहाँ सुबह जागते हीं ,
काम मे ब्यस्त हो जाना।
कभी कंप्यूटर के संसार में तो ,
कभी ऑफिस के काम में ।
कभी टीवी में तो ,
कभी फ़ोन में।
4 Love
अब अपने हीं लोगो से
जो अपने होनें का दिखावा तो करते हैं ,
पर अपने नहीं होते ।
डर लगता है उस इंसान से जो,
इंसान के रूप में एक भेड़िया है
जो मौके कि तलाश में रहता है कि,
कब उसे मौका मिले और वो हमें नोच खाए।
अब अपने हीं घर में डर लगता है ।।
अब अपने हीं लोगो से
जो अपने होनें का दिखावा तो करते हैं ,
पर अपने नहीं होते ।
डर लगता है उस इंसान से जो,
इंसान के रूप में एक भेड़िया है
जो मौके कि तलाश में रहता है कि,
कब उसे मौका मिले और वो हमें नोच खाए।
अब अपने हीं घर में डर लगता है ।।
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