"अब अपने हीं लोगो से
जो अपने होनें का दिखावा तो करते हैं ,
पर अपने नहीं होते ।
डर लगता है उस इंसान से जो,
इंसान के रूप में एक भेड़िया है
जो मौके कि तलाश में रहता है कि,
कब उसे मौका मिले और वो हमें नोच खाए।
अब अपने हीं घर में डर लगता है ।।"
अब अपने हीं लोगो से
जो अपने होनें का दिखावा तो करते हैं ,
पर अपने नहीं होते ।
डर लगता है उस इंसान से जो,
इंसान के रूप में एक भेड़िया है
जो मौके कि तलाश में रहता है कि,
कब उसे मौका मिले और वो हमें नोच खाए।
अब अपने हीं घर में डर लगता है ।।