"गर्दिश है गर जिंदगी में तो खाक उठाते चलिए
साथ परेशानियों का हसरत से निभाते चलिए
पहुंचना अगर मुमकिन ना हो राहे मंजिल पर
तो हताश आंखों को झूठे ख्वाब दिखाते चलिए
सफर में मुश्किलों से लड़ने का मजा आएगा
नगमा मोहब्बत का कोई दोस्तों गाते चलिए
इश्क में टूटकर बिखरकर के संभलने वालों
गांव के बच्चों को भी मोहब्बत सिखाते चलिए
✍️शादाब कमाल
©शायर शादाब कमाल"