#झंडे #part_3 #NojotoIIITM #OpenMIC #final_part #end_of_poetry #Record_voice
#Nojotovoice
हर चौराहे पे चिल्लाने से, आज़ादी को ना याद रखो,
ऐसा ही कुछ है प्रेम अगर, तो दिल से इसका सम्मान करो,
ये इंकलाब कर्मों से हो, और सर तुम्हारा नाज़ों से हो,
और उठो सवेरे जब तुम तो, बस प्रेम बसा इस ज़हन में हो,
फ़िर तांड पर रखा झंडा भी तुमको शान से ऐसे देखेगा,