रोज़ लिखत-मिटाते हैं हम दास्तान मोहब्बत की, इतनी अच | हिंदी Shayari

"रोज़ लिखत-मिटाते हैं हम दास्तान मोहब्बत की, इतनी अच्छी नहीं होती लत मेरी जान मोहब्बत की........ गर किसी के नाराज़ होने से तुम्हें भी फर्क पड़ता है, बस यही तो होती है इस जहां मे पहचान मोहब्बत की...... ©Poet Maddy"

 रोज़ लिखत-मिटाते हैं हम दास्तान मोहब्बत की,
इतनी अच्छी नहीं होती लत मेरी जान मोहब्बत की........
गर किसी के नाराज़ होने से तुम्हें भी फर्क पड़ता है,
बस यही तो होती है इस जहां मे पहचान मोहब्बत की......

©Poet Maddy

रोज़ लिखत-मिटाते हैं हम दास्तान मोहब्बत की, इतनी अच्छी नहीं होती लत मेरी जान मोहब्बत की........ गर किसी के नाराज़ होने से तुम्हें भी फर्क पड़ता है, बस यही तो होती है इस जहां मे पहचान मोहब्बत की...... ©Poet Maddy

रोज़ लिखत-मिटाते हैं हम दास्तान मोहब्बत की,
इतनी अच्छी नहीं होती लत मेरी जान मोहब्बत की........
#write#erase#story#Love#addiction#Dear#SAD#recognition#world........

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