"" यूँ तो मौजूद थे फलक मे वे तमाम सितारे जो आज भी नूर कर रहे थे कायनात को बड़ी ही शिद्द्त से ,
मगर वो एक सितारा कि जिससे मैं गुफ्तगू किया करता था उसकी महज अब परछाई बाकी थी वहाँ ""
" यूँ तो मौजूद थे फलक मे वे तमाम सितारे जो आज भी नूर कर रहे थे कायनात को बड़ी ही शिद्द्त से ,
मगर वो एक सितारा कि जिससे मैं गुफ्तगू किया करता था उसकी महज अब परछाई बाकी थी वहाँ "