रोज़ रोज़ मिटते है, फिर भी ख़ाक न हुए परेशानी कम और ख | हिंदी Shayari

"रोज़ रोज़ मिटते है, फिर भी ख़ाक न हुए परेशानी कम और खुशियां हो ज्यादा ऐसे इत्तिफाक न हुए.. ✍️फरहाना"

 रोज़ रोज़ मिटते है, फिर भी ख़ाक न हुए परेशानी कम और खुशियां हो ज्यादा ऐसे इत्तिफाक न हुए..










✍️फरहाना

रोज़ रोज़ मिटते है, फिर भी ख़ाक न हुए परेशानी कम और खुशियां हो ज्यादा ऐसे इत्तिफाक न हुए.. ✍️फरहाना

#Roz_Roz_Mitte_Hai#nojotohindi

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