बड़ा ही कठिन है ये उल्फ़त का सफ़र
ना छोड़ोगे कभी साथ ये आज क़सम दे दो
हो ही जाता है हर किसी पे मौसम का असर
ना बदलेगा तुम्हारा मिज़ाज़ ये आज क़सम दे दो
सिमट गई है मेरी ज़िंदगी सिर्फ तुम तक
तेरी बाहें होंगी मेरा सहारा ये आज कसम दे दो
रखेंगे ना हम कोई कसर बाकी
निभाओगे तुम भी आख़री दम तक ये आज क़सम दे दो
©the unsaid arpita