ख़ुदी तोड़ो ख़ुदी जोड़ो ख़ुदी को अब सताओ मत, शमा को या | हिंदी शायरी

"ख़ुदी तोड़ो ख़ुदी जोड़ो ख़ुदी को अब सताओ मत, शमा को या बुझाओ मत बुझे तो फिर जलाओ मत। ©Akshay vyas"

 ख़ुदी तोड़ो ख़ुदी जोड़ो 
ख़ुदी को अब सताओ मत,
शमा को या बुझाओ मत 
बुझे तो फिर जलाओ मत।

©Akshay vyas

ख़ुदी तोड़ो ख़ुदी जोड़ो ख़ुदी को अब सताओ मत, शमा को या बुझाओ मत बुझे तो फिर जलाओ मत। ©Akshay vyas

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