=मौसम-ए-बहार=
देखो ये कैसा मौसम आया,
संग अपने है लाया ये ऋतु बसंत बहार का ।
खुशियों भरा है ये पल लाया,
संग अपने खुशबू-ए-मौसम बहार का ।
मौसम ने ली अँगड़ाई खील उठा जग सारा,
झूम उठा बदरा भवरा भी है गीत गुनगुना रहा ।
ऋतु ये बसंत का देख हमें, याद पिया का है आ रहा ।
ऋतु ये बसंत का खुशबू मुझ पर,हैं कैसे रंगो से ये बरसा रहा ।
पकवानो की खुशबू गुलालों की महक,
अपनो का एहसास हैं हमें ये दिला रहा ।
ऋतु ये बसंत का हम सभी पर प्यार बेशुमार हैं बरसा रहा ।
ऋतु ये बसंत का हम सभी पर प्यार बेशुमार हैं बरसा रहा ।।
©☞Mr Ravi☆
मौसम-ए-बहार
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