तेरी आँखों से होकर जो कभी गुजरी थी मैं तुमसे तुम त | हिंदी शायरी
"तेरी आँखों से होकर जो कभी गुजरी थी मैं
तुमसे तुम तक ही तो थी मैं
पर एहसास कितने पूरे थे
कि चाहे अल़फाज कितने ही अधूरे थे
पर हम और तुम हमेशां ही पूरे थे"
तेरी आँखों से होकर जो कभी गुजरी थी मैं
तुमसे तुम तक ही तो थी मैं
पर एहसास कितने पूरे थे
कि चाहे अल़फाज कितने ही अधूरे थे
पर हम और तुम हमेशां ही पूरे थे