तुम्हारे न होने पर भी
मैं तुमको ही जीती हूँ
तुम मुझसे नफरत करके जीते हो
मैं तुम्हारे प्यार मे जी कर मरती हूँ
मैं पल पल हर पल
बस तुझमें ही जीती हूँ।
8 Love
यू लगता है मुझे कभी
मैं जीवित नहीं हूँ
या फिर लगता है कि
कही खो सी गयी हू
ये जो मुझमें जिंदा है
वो तो मैं नहीं हूं।
शायद मैं ,मैं ही नहीं हू
क्योंकि बरसों जीने की चाह में
मैं मर सी गयीं हूँ
आज शायद मैं ,मैं को ढूंढने निकली हूँ।
सच भरम की दूनिया जीता जाये मन जीवन भर
सच की दूनिया मे फिर आता ये मन ।
कहते हैं लोग श्मशान इसको
मगर हम कहते हैं आत्मबोध का घर इस को
समझ गया यदि समय रहते हर मन इसको
बदल जायेगा तब ये युग समझो ।
तेरी आँखों से होकर जो कभी गुजरी थी मैं
तुमसे तुम तक ही तो थी मैं
पर एहसास कितने पूरे थे
कि चाहे अल़फाज कितने ही अधूरे थे
पर हम और तुम हमेशां ही पूरे थे
आँखों से ओझल हो गया टूटा हुआ कोई तारा था, गुजरा जो वक्त तुम संग बहुत ही प्यारा था
उन पलों मे सिमटा जीवन सारा था
खुशियों को समेटे नील गगन मे हर जुगनू एक तारा था
न जाने कब कहाँ कैसे
जज्बातों व एहसासो की मंजिल उठी
नयनो से नयनों की भाषा रूठी
थोरा थोरा करके सबकुछ कहीं से छूटा जा रहा था
धीरे धीरे यू ही इक दिन वो ऐसे
आखोँ से ओझल हो गया
छनिक रोशनी देकर
यू हमसे किश्तो मे दूर जा रहा था
मेरी किस्मत का जैसे धृवतारा नही
बल्कि कोई टूटा तारा था
आँखों से ओझल हो गया टूटा हुआ कोई तारा था, गुजरा जो वक्त तुम संग बहुत ही प्यारा था
उन पलों मे सिमटा जीवन सारा था
खुशियों को समेटे नील गगन मे हर जुगनू एक तारा था
न जाने कब कहाँ कैसे
जज्बातों व एहसासो की मंजिल उठी
नयनो से नयनों की भाषा रूठी
थोरा थोरा करके सबकुछ कहीं से छूटा जा रहा था
धीरे धीरे यू ही इक दिन वो ऐसे
आखोँ से ओझल हो गया
छनिक रोशनी देकर
यू हमसे किश्तो मे दूर जा रहा था
मेरी किस्मत का जैसे धृवतारा नही
बल्कि कोई टूटा तारा था
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here