एक पागल को पागल की तरह चाहने वाले
कहाँ मिलते है अब ऐसे चाहने वाले,
नाराज होने पर ही यार बदल लेते हैं
कहाँ मिलते है अब उम्रभर साथ निभाने वाले
वो लैला मजनूं का समय कुछ और था।
अब तो मिलते हैं बस ज़िस्म की भूख मिटाने वाले
"मैं तेरी हूं, मैं तेरा ही रहूँगा" बहुत मिलते हैं कहने वाले
कहाँ मिलते है साथ रह कर दोनों साथ घर बसाने वाले
बहुत मिलते हैं लड़कियां देख गंदे कमेन्ट
पास करने वाले अब कहाँ मिलते हैं अपनी
प्रेमिका पर शायरी बनाने वाले।
©"Bittu"@Dil shayarana
@भूल पाओगे