"Bittu"@Dil shayarana

#shayari video creator#@Dil shayarana

https://www.facebook.com/bittu.poddar.165033

  • Latest
  • Popular
  • Video

उन उफनती लहरों से इन शांत लहरों तक का ये सफर.. ©"Bittu"@Dil shayarana

#ज़िन्दगी #bhool  उन उफनती लहरों
से
इन शांत लहरों तक
का ये सफर..

©"Bittu"@Dil shayarana

#bhool.paoge

0 Love

एक पागल को पागल की तरह चाहने वाले कहाँ मिलते है अब ऐसे चाहने वाले, नाराज होने पर ही यार बदल लेते हैं कहाँ मिलते है अब उम्रभर साथ निभाने वाले वो लैला मजनूं का समय कुछ और था। अब तो मिलते हैं बस ज़िस्म की भूख मिटाने वाले "मैं तेरी हूं, मैं तेरा ही रहूँगा" बहुत मिलते हैं कहने वाले कहाँ मिलते है साथ रह कर दोनों साथ घर बसाने वाले बहुत मिलते हैं लड़कियां देख गंदे कमेन्ट पास करने वाले अब कहाँ मिलते हैं अपनी प्रेमिका पर शायरी बनाने वाले। ©"Bittu"@Dil shayarana

#ज़िन्दगी  एक पागल को पागल की तरह चाहने वाले
कहाँ मिलते है अब ऐसे चाहने वाले,
नाराज होने पर ही यार बदल लेते हैं
कहाँ मिलते है अब उम्रभर साथ निभाने वाले
वो लैला मजनूं का समय कुछ और था।
अब तो मिलते हैं बस ज़िस्म की भूख मिटाने वाले
"मैं तेरी हूं, मैं तेरा ही रहूँगा" बहुत मिलते हैं कहने वाले
कहाँ मिलते है साथ रह कर दोनों साथ घर बसाने वाले
बहुत मिलते हैं लड़कियां देख गंदे कमेन्ट
पास करने वाले अब कहाँ मिलते हैं अपनी
प्रेमिका पर शायरी बनाने वाले।

©"Bittu"@Dil shayarana

@भूल पाओगे

0 Love

असामनता में समानता भी केवल तभी दिखाई पड़ती है, जब हमारे व्यक्तित्व में एक ठहराव हो, एक गहराई हो.. ©"Bittu"@Dil shayarana

#ज़िन्दगी  असामनता में समानता भी केवल तभी
दिखाई पड़ती है, जब हमारे व्यक्तित्व में
एक ठहराव हो, एक गहराई हो..

©"Bittu"@Dil shayarana

@BHOOL PAOGE 🍁

0 Love

मैं समय हुँ ....🧭 पांचवी तक घर से तख्ती लेकर स्कूल गए थे❗📝 स्लेट को जीभ से चाटकर अक्षर मिटाने की हमारी स्थाई आदत थी लेकिन इसमें पापबोध भी था कहीं विद्यामाता नाराज न हो जायें❗🔳 पढ़ाई का तनाव हमने पेन्सिल का पिछला हिस्सा चबाकर मिटाया था❗📝 स्कूल में टाट पट्टी की अनुपलब्धता में घर से बोरी का टुकड़ा बगल में दबा कर ले जाना भी हमारी दिनचर्या थी. पुस्तक के बीच विद्या पौधे की पत्ती और मोरपंख रखने से हम होशियार हो जाएंगे ऐसा हमारा दृढ विश्वास था❗📖 कक्षा छः में पहली दफा हमने अंग्रेजी का ऐल्फाबेट पढ़ा और पहली बार एबीसीडी देखी❗🔠 यह बात अलग है बढ़िया स्मॉल लेटर बनाना हमें कक्षा: छः तक भी न आया था❗🔡 करसिव राइटिंग भी हम कक्षा: आठवीं जाकर ही सीख पाये❗🔜〰➰ उस जमाने के बच्चों की अपनी एक अलग ही दुनिया थी❗🥳🤼‍♂ कपड़े के थैले में किताब कॉपियां जमाने का विन्यास हमारा रचनात्मक कौशल था❗📚 तख्ती पोतने की तन्मयता हमारी एक किस्म की साधना ही थी. हर साल जब नई कक्षा के बस्ते बंधते तब कॉपी किताबों पर जिल्द चढ़ाना हमारे जीवन का वार्षिक उत्सव था❗📓📔 हमारे समय में ट्यूशन पढ़ना हीनता का द्योतक था. अगर कोई ट्यूशन पढता था तो वह शर्तिया नालायक था❗🤓🧐 माता पिता को हमारी पढ़ाई की कोई फ़िक्र नहीं थी. न हमारी पढ़ाई उनकी जेब पर बोझा थी. सालों साल बीत जाते पर माता पिता के कदम हमारे स्कूल में न पड़ते थे❗🤔👳‍♀ सफेद शर्ट और खाकी पैंट में जब हम माध्यमिक कक्षा में पहुंचे तो पहली दफा खुद के बड़ा होने का अहसास हुआ. लेकिन पेंट पहन कर हम शर्मा रहे थे❗👖🙇 साईकिल चलाना भी हम चरणों में सीखे थे. पहले कैंची फिर डंडा और अंत में गद्दी पर बैठना आया था. फिर तो पीछे कैरियर पर बैठ कर भी हम साईकिल चला लेते थे❗🛴🚲 एक दोस्त को साईकिल के डंडे पर और दूसरे को पीछे कैरियर पर बिठा हमने कितने रास्ते नापें हैं यह अब याद नहीं बस कुछ धुंधली सी स्मृतियां हैं❗🚲🕺🙋‍♂🚶 स्कूल में पिटते हुए और मुर्गा बनते हमारा ईगो हमें कभी परेशान नहीं करता था. दरअसल हम जानते ही नही थे कि ईगो होता क्या है. पिटाई हमारे दैनिक जीवन की सहज सामान्य प्रक्रिया थी❗😜😱💪🏻👨‍🏫 क्लास की पिटाई का रंज कुछ ही देर में काफूर हो जाता और हम अपने पूरे खिलंदड़ेपन से हंसते पाए जाते❗😬🤣 उस जमाने के बच्चे सपनें देखने का सलीका नही सीख पाते थे. हम अपने माता पिता को कभी नहीं बता पाए कि हम उन्हें कितना प्यार करते हैं क्योंकि हमें आई लव यू कहना नहीं आता था❗👨‍👩‍👦‍👦💞 आज हम गिरते सम्भलते संघर्ष करते दुनियां का हिस्सा बन चुके हैं. कुछ मंजिल पा गये हैं तो कुछ न जाने कहां खो गए हैं❗👥👀 हम दुनिया में कहीं भी हों लेकिन यह सच है खुरदरी हकीकतों ने हमें पाला है❗💼🕶 कपड़ों को सिलवटों से बचाए रखना और रिश्तों को औपचारिकता से बनाए रखना हमें कभी नहीं आया इस मामले में हम सदा मुर्ख ही रहे❗🥺🤕 अपना अपना प्रोब्लम झेलते हुए हम आज भी ख्वाब बुन रहे हैं. शायद ख्वाब बुनना ही हमें जिन्दा रखे है वरना जो जीवन हम जीकर आये हैं उसके सामने यह वर्तमान कुछ भी नहीं❗🔙🕒🔚 हम अच्छे थे या बुरे थे पर हम एक समय थे, काश वो समय फिर लौट आए. लेकिन हम यह भी जानते हैं वो समय कभी नहीं लौटेगा...🔘🔔🍬🍭🏏🤼‍♂🤾‍♂🤸‍♂🚴🏊🏸☎📺......,⏰ ©"Bittu"@Dil shayarana

#ज़िन्दगी #Journey  मैं समय हुँ ....🧭

पांचवी तक घर से तख्ती लेकर स्कूल गए थे❗📝

स्लेट को जीभ से चाटकर अक्षर मिटाने की हमारी स्थाई आदत थी लेकिन इसमें पापबोध भी था कहीं विद्यामाता नाराज न हो जायें❗🔳

पढ़ाई का तनाव हमने पेन्सिल का पिछला हिस्सा चबाकर मिटाया था❗📝 

स्कूल में टाट पट्टी की अनुपलब्धता में घर से बोरी का टुकड़ा बगल में दबा कर ले जाना भी हमारी दिनचर्या थी. 

पुस्तक के बीच विद्या पौधे की पत्ती और मोरपंख रखने से हम होशियार हो जाएंगे ऐसा हमारा दृढ विश्वास था❗📖

कक्षा छः में पहली दफा हमने अंग्रेजी का ऐल्फाबेट पढ़ा और पहली बार एबीसीडी देखी❗🔠

यह बात अलग है बढ़िया स्मॉल लेटर बनाना हमें कक्षा: छः तक भी न आया था❗🔡

करसिव राइटिंग भी हम कक्षा: आठवीं जाकर ही सीख पाये❗🔜〰➰

उस जमाने के बच्चों की अपनी एक अलग ही दुनिया थी❗🥳🤼‍♂

कपड़े के थैले में किताब कॉपियां जमाने का विन्यास हमारा रचनात्मक कौशल था❗📚

तख्ती पोतने की तन्मयता हमारी एक किस्म की साधना ही थी. हर साल जब नई कक्षा के बस्ते बंधते तब कॉपी किताबों पर जिल्द चढ़ाना हमारे जीवन का वार्षिक उत्सव था❗📓📔

हमारे समय में ट्यूशन पढ़ना हीनता का द्योतक था. अगर कोई ट्यूशन पढता था तो वह शर्तिया नालायक था❗🤓🧐

माता पिता को हमारी पढ़ाई की कोई फ़िक्र नहीं थी. न हमारी पढ़ाई उनकी जेब पर बोझा थी. सालों साल बीत जाते पर माता पिता के कदम हमारे स्कूल में न पड़ते थे❗🤔👳‍♀   

सफेद शर्ट और खाकी पैंट में जब हम माध्यमिक कक्षा में पहुंचे तो पहली दफा खुद के बड़ा होने का अहसास हुआ. लेकिन पेंट पहन कर हम शर्मा रहे थे❗👖🙇

साईकिल चलाना भी हम चरणों में सीखे थे. पहले कैंची फिर डंडा और अंत में गद्दी पर बैठना आया था. फिर तो पीछे कैरियर पर बैठ कर भी हम साईकिल चला लेते थे❗🛴🚲

एक दोस्त को साईकिल के डंडे पर और दूसरे को पीछे कैरियर पर बिठा हमने कितने रास्ते नापें हैं यह अब याद नहीं बस कुछ धुंधली सी स्मृतियां हैं❗🚲🕺🙋‍♂🚶 

स्कूल में पिटते हुए और मुर्गा बनते हमारा ईगो हमें कभी परेशान नहीं करता था. दरअसल हम जानते ही नही थे कि ईगो होता क्या है. पिटाई हमारे दैनिक जीवन की सहज सामान्य प्रक्रिया थी❗😜😱💪🏻👨‍🏫

क्लास की पिटाई का रंज कुछ ही देर में काफूर हो जाता और हम अपने पूरे खिलंदड़ेपन से हंसते पाए जाते❗😬🤣

उस जमाने के बच्चे सपनें देखने का सलीका नही सीख पाते थे. हम अपने माता पिता को कभी नहीं बता पाए कि हम उन्हें कितना प्यार करते हैं क्योंकि हमें आई लव यू कहना नहीं आता था❗👨‍👩‍👦‍👦💞

आज हम गिरते सम्भलते संघर्ष करते दुनियां का हिस्सा बन चुके हैं. कुछ मंजिल पा गये हैं तो कुछ न जाने कहां खो गए हैं❗👥👀

हम दुनिया में कहीं भी हों लेकिन यह सच है खुरदरी हकीकतों ने हमें पाला है❗💼🕶

कपड़ों को सिलवटों से बचाए रखना और रिश्तों को औपचारिकता से बनाए रखना हमें कभी नहीं आया इस मामले में हम सदा मुर्ख ही रहे❗🥺🤕

अपना अपना प्रोब्लम झेलते हुए हम आज भी ख्वाब बुन रहे हैं. शायद ख्वाब बुनना ही हमें जिन्दा रखे है वरना जो जीवन हम जीकर आये हैं उसके सामने यह वर्तमान कुछ भी नहीं❗🔙🕒🔚

हम अच्छे थे या बुरे थे पर हम एक समय थे, काश वो समय फिर लौट आए. लेकिन हम यह भी जानते हैं वो समय कभी नहीं लौटेगा...🔘🔔🍬🍭🏏🤼‍♂🤾‍♂🤸‍♂🚴🏊🏸☎📺......,⏰

©"Bittu"@Dil shayarana

#Journey

0 Love

कुछ ऐसा था जो बहुत दिनों से लिखने की सोच रहा था आज थोड़ी फुर्सत में हूँ इसलिए आज लिख रहा हूँ.. मैं लिखने से पहले ही यह बात जानता हूँ कि आप सभी मेरी इस बात से सहमत नही होंगे। इसलिए किसी भी लाइक और कमेंट की उम्मीद न के बराबर है और यकीन मानिए मुझे इसका कोई अफसोस भी नही होगा। मैं यह बात बखूबी समझता भी हूँ और इसका आदर भी करता हूँ कि जो कुछ मैं लिख रहा हूँ उसमे आप सभी के बहुत से किंतु परन्तु भी होंगे। लेकिन मेरे लिए यह लिखना बहुत ही जरूरी था, कुछ है जो बार बार मुझे यह लिखने के लिए उकसाता है, इसलिए बस आपसे एक विनती है कि आज बिना किसी पूर्वाग्रह के केवल मुझे सुन लीजिए..😊😊 ©"Bittu"@Dil shayarana

#ज़िन्दगी #भूल  कुछ ऐसा था जो बहुत दिनों से लिखने की सोच रहा था आज
थोड़ी फुर्सत में हूँ इसलिए आज लिख रहा हूँ..
मैं लिखने से पहले ही यह बात जानता हूँ कि आप सभी मेरी इस
बात से सहमत नही होंगे। इसलिए किसी भी लाइक और कमेंट
की उम्मीद न के बराबर है और यकीन मानिए मुझे इसका कोई
अफसोस भी नही होगा। मैं यह बात बखूबी समझता भी हूँ और
इसका आदर भी करता हूँ कि जो कुछ मैं लिख रहा हूँ उसमे आप
सभी के बहुत से किंतु परन्तु भी होंगे।
लेकिन मेरे लिए यह लिखना बहुत ही जरूरी था, कुछ है जो बार
बार मुझे यह लिखने के लिए उकसाता है, इसलिए बस आपसे
एक विनती है कि आज बिना किसी पूर्वाग्रह के केवल मुझे सुन
लीजिए..😊😊

©"Bittu"@Dil shayarana

#भूल पाओगे

0 Love

अपनी गलती का अहसास कभी नही होता। ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें अपनी गलती का अहसास होता है और वो उसका पश्चाताप भी करते हैं, बस उनका यह पश्चाताप वैसा नही होता जैसा पश्चाताप हम उनसे चाहते हैं.. ©"Bittu"@Dil shayarana

#ज़िन्दगी  अपनी गलती का अहसास कभी नही होता। ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें अपनी गलती का अहसास होता है और वो उसका पश्चाताप भी करते हैं, बस उनका यह पश्चाताप वैसा नही होता जैसा पश्चाताप हम उनसे चाहते हैं..

©"Bittu"@Dil shayarana

@BHOOL PAOGE 🍁

0 Love

Trending Topic