शिक्षक साथियों एक ही, करता मैं अनुनय | श्रम करो जि | हिंदी कविता

"शिक्षक साथियों एक ही, करता मैं अनुनय | श्रम करो जिससे हिन्द का, लौटे पुनः समय || ©कवि प्रभात"

 शिक्षक साथियों एक ही, करता मैं अनुनय |
श्रम करो जिससे हिन्द का, लौटे पुनः समय ||

©कवि प्रभात

शिक्षक साथियों एक ही, करता मैं अनुनय | श्रम करो जिससे हिन्द का, लौटे पुनः समय || ©कवि प्रभात

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